यही रात आखिरी, यही रात भारी..., सारण में हो सकता है खेला; पढ़िए क्या है RJD-BJP का दावा?
सारण संसदीय सीट के रिजल्ट को लेकर भी अपने-अपने दावे हैं। सारण की राजनीति की बारीक समझ रखने वाले हों या सियासी दलों के स्थानीय नेता-कार्यकर्ता, सभी ईवीएम में बंद वोटों की गुणा-गणित बैठा ताबड़तोड़ अलग-अलग दावे ठोक रहे हैं।
कोई भी दलीय सख्सियत अपने प्रत्याशी को कमतर कर नहीं आंक रहा। लेकिन, कहते हैं न कि दावा है दावे का क्या। ये दावे कितने सटिक हैं यह तो ईवीएम में कैद जनता का फैसला सामने आने पर ही पता चल पायेगा।
सारण की चुनावी जंग में वैसे तो 14 प्रत्याशी हैं पर मुकाबला भाजपा के राजीव प्रताप रुडी और राजद की डा. रोहिणी आचार्य के बीच है। रुडी यहां के चार टर्म एमपी रह चुके हैं और लगातार दो चुनावों से लगातार यहां विजय पताका फहरा रहे हैं, जबकि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की पुत्री रोहिणी पहली बार यहां के चुनाव मैदान में उतरी हैं।
भाजपा के जिलाध्यक्ष रंजीत कुमार सिंह का दावा है कि हम सारण संसदीय क्षेत्र में इस बार भी क्लीन स्विप कर रहे हैं। सारण के अपने दलीय प्रत्याशी की जीत का वे आकलन स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि यहां छह विधानसभा क्षेत्र है। गड़खा में करीब पांच हजार और परसा में लगभग 10 हजार वोटों से हमारी हार होगी। सोनपुर में राजद के साथ हम बराबरी पर रहेंगे।
अमनौर में हम 10 हजार और मढ़ौरा में चार-पांच हजार वोटिंग से आगे रहेंगे। किसी भी संसदीय चुनाव में हम छपरा विधानसभा क्षेत्र में नहीं हारे हैं और इसबार भी यहां हमारी लीडिंग 50 से 60 हजार के बीच रहेगी।
वे कहते हैं कि एनडीए के आधार वोटों में जितने टूट की बातें हो रही है, वह सच नहीं है। वे स्वीकार करते हैं कि टूट हुई है, पर 10 फीसदी से अधिक नहीं। पिछड़ा वर्ग का साथ और हर विधानसभा क्षेत्र में आधी आबादी की अधिक पोलिंग बता रहा है कि यहां एस बार फिर बीजेपी उम्मीदवार की जीत होगी।
राजद जिलाध्यक्ष सुनील राय का कहना है कि सारण में तेजस्वी यादव की लोकप्रियता और लालू प्रसाद के यहां कराये गये विकास कार्यों ने बाजी पलट दी है। वे कहते हैं कि हम केवल छपरा विधानसभा क्षेत्र में कुछ पीछे रहेंगे और पांच में बहुत आगे।
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